बेटी की माँ

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rajlaxmi
     वह बहुत सुंदर  थी। शादी हुई और दो बेटियों की माँ बन गई। ‘वंश कैसे चलेगा,तेरा तो एक ही बेटा है,’अड़ोसन-पड़ोसन उसकी सास से बोलती।
       ‘अरे बेटा भी हो जाएगा।’,सास उनसे बोलती,पर सास ने
कभी उसे उलाहना न दी।
    एक दिन उसने बेटे से कहा-‘तूने एक और शादी कर ली है।’
‘हाँ,मुझे एक बेटा चाहिए था पर
मैंने उसे मना लिया है। अपने परिवार
को मैं ही संभालूँगा।’
       उसे भी पता चल गया,पर करती भी
क्या? दो बेटियों का साथ था।
        अम्मा जी भगवान को प्यारी हो
गई। बड़ी बेटी की शादी हुई। दो बच्चों
को साथ लेकर वह माँ के पास आ गई। उसने पति को मना लिया कि
छोटी बहन और माँ  अकेले रहती हैं।
      इधर दूसरी पत्नी को बेटा हो चुका था। छोटी बेटी को अभिनय का शौक
था, सो वह मुम्बई  चली गई।
      एक दिन अचानक वो कुछ दिन की बीमारी के बाद मृत्यु को प्राप्त हुई।
रिमझिम बारिश हो रही थी। मुझे लगा
कितनी पीड़ा सही होगी कि,आज आसमान भी फूल बरसा रहा है इस पर।
 वाकई नारी तू अजेय है,कोई भी पीड़ा
तुझे हरा नहीं सकती….।
                                                                            #डॉ.राजलक्ष्मी शिवहरे

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।