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सामना घनघोर है भाई,
आदमी कमजोर है भाई।
कौन अपनी सुन रहा है,
हो रहा अब शोर है भाई।
आप हैं महफूज़ उससे,
उसके दिल में चोर है भाई।
चल रही है साँस जब तक,
हौंसला पुरजोर है भाई।
साथ अपने ही चलेगी,
जो गले की डोर है भाई।
मानते हो साथ अपने,
वो किसी की ओर है भाई।
#नवीन माथुर पंचोली
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