जुगनूं से मिलने तो…

1
0 0
Read Time1 Minute, 4 Second
prabhat kumar
घूम लो गाँव,खेत-खलिहान…,
लौटकर घर ही तो आओगे।
शहर की चकाचौंध में रह लो…,
जुगनूं से मिलने तो आओगे।
पंखे,एसी का आराम ले लो…,
एक दिन तो सड़क पर आओगे।
पेड़ों  की शाखाएं तोड़ डालो…,
चिता पर लकड़ी न पाओगे।
अवरोध रास्तों पर तो होंगे ही…,
रोज चलोगे तो सुकून पाओगे।
पोखरे को पाट के नींव रख ली…,
अब गारे का पानी न पाओगे।
जिंदगी में जो भी कुछ मिला…,
संतोष करो तो खुशी पाओगे।
घूम लो गाँव,खेत-खलिहान…,
लौटकर घर ही तो आओगे॥
                                                                                   #प्रभात कुमार 
परिचय : प्रभात कुमार ब्लॉग पर भी हिन्दी में लिखते हैं। आप मूल रुप से उत्तर प्रदेश के बेलवाडाड,कलवारी(जिला बस्ती) के हैं। २७ बरस के श्री कुमार दिल्ली में एक चिकित्सा संस्थान में शोध अध्येता हैं। 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

One thought on “जुगनूं से मिलने तो…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

Editor's policies and steps of his focus on producing technological annotation

Thu Jul 6 , 2017
Editor’s policies and steps of his focus on producing technological annotation The idea of annotation and development its style of music The abstract is an integral part from the book version. Post Views: 294

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।