बेटी जनमी जिण घराँ,कुदरत रो वरदान।
पढ़ा लिखाअर् मान द्यो, पाछै कन्यादान।
पाछै कन्या दान, देओ सब मन सूँ दुआ।
ईश्वर रा शुभ वरदान,जनम बेटी रा हुआ।
कहे लाल कविराय,सुता सूँ मत कर हेठी।
दोनी कुल़ री बात, आन मान शान बेटी।
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बेटी हो बड़ भाग सूँ, समझै धीर प्रमान।
अज्ञानी समझै नहीं , छाँव रहै अज्ञान।
छाँव रहै अज्ञान, पूत कूँ धरले माथै।
अंत समय पीछाण, रहैलो कुण रै साथै।
कहे लाल कविराय,डरप मत खाली बेटी।
बेटी नै सतकार ,गरब कर अपणी बेटी।
नाम– बाबू लाल शर्मा
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः