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‘थानेदार साहब’
सेवानिवृत्ति पाते ही
इन्सान बन गए।
‘नेता जी’
चुनाव जीतते ही
हेवान बन गए।
‘शासकीय चिकित्सक’
ड्यूटी समाप्त होते ही
दुकान चलाने लगे।
जनतंत्र के वृक्ष पर
बैठकर परिन्दे
आजादी मनाने लगे ॥
#एड.महेन्द्र श्रीवास्तव
परिचय : एडवोकेट महेन्द्र श्रीवास्तव दमोह (म.प्र.)में रहते हैं। आपको लेखन के लिए महेश जोशी स्मृति सम्मान सहित साहित्य मेला इलाहाबाद में भी सम्मानित किया गया है। चित्रगुप्त न्यास दमोह द्वारा भी सम्मानित हैं।
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