मातृ दिवस – अम्मा की पाती

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मेरे सामने
दराज खुली पड़ी है,
दराज में पत्रों की पिटारी है।
अंतर्देशीय, लिफ़ाफ़े, पोस्टकार्ड,
पत्र खुले, सहसा
अतीत खुल गया।
पत्रों में से चेहरा
अम्मा का उभर आया।
’बिटिया, तुम्हारी चिंता
बहुत रहती है।
लाडो, तुम्हारी
याद भी बहुत आती है।
सावन में आ रही हो न!
तुम्हारी पसंद की
सितारे टंकी साड़ी
गुलाबी शिफॉन की,
मैचिंग की चूड़ियाँ गुलाबी,
पाज़ेब-बिछुड़ी
सब ले कर रखी है।
तुम्हारे आने की ख़बर से
बाबूजी ख़ुश तो बहुत हैं
पर बोलते कुछ नहीं,
ख़ुशी से बस चेहरा लाल है।
चलो, अब रखती हूँ,
बाबूजी के लिए चाय चढ़ा दूँ।
शेष फिर, ख़ूब सारा आशीष!
ख़ुशियों से तुम्हारी
सदा झोली भरी रहे।’
देखा आसपास इधर-उधर,
झोली तो मेरी
ख़ुशियों से भरी थी
पर नरम- मुलायम
आँचल लिए
पत्र से झाँकती
अम्मा नहीं थी।
उमड़ते आँसुओं को
आँचल में,
ख़ुशियों संग सहेज लिया।
बरसते सावन ने
अंतर-बाहर भिगो दिया।

#यशोधरा भटनागर

देवास
मध्य प्रदेश

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।