कौन है प्रेम मंगल, जानिए ‘मेहेर’ की लेखिका को

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श्रीमती प्रेम मंगल ने अपनी जीवन यात्रा गुना, मध्य प्रदेश से प्रारंभ की। उनका जन्म 15 नवंबर 1949 में गुना (म.प्र.) में हुआ। स्कूल और कॉलेज की शैक्षणिक यात्रा करते हुए सन् 1970 में अर्थशास्त्र में एम.ए. की उपाधि ग्रहण कर कॉन्वेंट स्कूल गुना में नौकरी की। इंदौर से बी.एड. किया। उसके बाद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गुना में व्याख्याता के पद पर अस्थाई रूप में कार्य किया, 1975 में भारतीय डाक विभाग में नौकरी की शुरुआत की और विभिन्न पदों एवं स्थानों पर सेवायें करते हुए 2009 में इंदौर से ही सेवानिवृत्ति ली। इसके पश्चात स्वामी विवेकानंद इंजीनियरिंग कॉलेज में ऑफ़िस सुप्रीटेंडेंट के पद पर तथा शेमरॉक स्कूल में इंस्टीट्यूशन हैड तथा शार्प माइंड स्कूल में प्रधानाचार्या के पद पर कार्य किया। साहित्य तथा काव्य लेखन में बचपन से ही रुचि होने के कारण सदैव लेखन कार्य से जुड़ी रहीं। सामाजिक, राजनैतिक, आध्यात्मिक, देशभक्ति सहित अन्य विषयों एवं समस्याओं पर लगातार लिखती रहीं। अभी तक तो काव्य संग्रह ’लम्हे ज़िंदगी के’ और ’मंगलमय पथगामिनी’ प्रकाशित हो चुके हैं। कहानी संग्रह ’पैमाना’, कविता संग्रह ’गर भूख न होती’ व ’दीया मेरी भावना का’ व बाल कविता संग्रह ‘मेहेर’ संस्मय प्रकाशन से प्रकाशित हो चुके हैं। आपको वर्ष 2021 व वर्ष 2022 का संस्मय सम्मान प्राप्त हुआ है।

प्रकाशित कृतियाँ

काव्य संग्रह

  1. लम्हे ज़िंदगी के
  2. मंगलमय पथगामिनी
  3. दीया मेरी भावना का (संस्मय प्रकाशन)
  4. गर भूख न होती (संस्मय प्रकाशन)

कहानी संग्रह

  1. विविधा
  2. पैमाना (संस्मय प्रकाशन)

बाल कविता संग्रह

मेहेर (संस्मय प्रकाशन)

सम्मान
संस्मय सम्मान 2021
संस्मय सम्मान 2022

संपर्क: 573, पंचवटी, मुंबई–आगरा रोड, लसुड़िया पुलिस थाने के आगे, इंदौर– 453771

चलभाष: 9827506182

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।