रोशनी को ढूँढता है

0 0
Read Time1 Minute, 30 Second

लगता है हमारा आपका
साथ बस यही तक था।
आप अपने आप को
बहुत व्यस्त समझते हो।
और सामने वाले को
अपने से कम समझते हो।
जबकि सामने वाला व्यस्त
होते हुये भी दोस्तो से मिलता है।
हमारी और तुम्हारी सोच में
यही बहुत बड़ा फर्क है।
इसलिए दोस्त आप मस्त रहो
और मुझे मेरे हाल पर छोड़ दो।।

अपने आपको तुम कभी
दुसरो के लिए जी कर देखो।
अपने काम का जिक्र इतना
न करो की समाने वाला।
अपने आपको खुद शर्मीदा
अपनी ही नजरो में समझे।
जबकि वो मिलने मिलाने में
अपनी जिंदगी को जीता है।
खुद खुश रहता है और
औरों को भी खुश करता है।
ऐसे इंसान को समाज और
आप क्या कहते हो आप जनो।।

हर किसी को इंसान खुश
इस जमाने में कर नहीं सकता।
घाव जो दिल पर लगे उसे
समय से पहले भर नहीं सकता।
लाख चापलूसी करे वो इंसान पर
सामने वाले के दिलको पड़ लेता है।
और फिर अपनी जिंदगी को वो
फिरसे अपने अनुसार जीता हैं।
छोड़ देता है साथ ऐसे लोगों का
जो खुदके सिवाए औरों के नहीं।
इसलिए तो कवि लेखक सदा ही
अंधेरो में रोशनी की किरण ढूँढता है।।

जय जिनेंद्र देव
संजय जैन “बीना” मुंबई

matruadmin

Next Post

प्यार जब इश्क बन जाता है

Sat Jun 26 , 2021
कहते हैं प्यार एक बला है जमाना इस बला को गले लगाता क्यों हैं ? प्यार की एक नजर कैसे छू जाती है नजर को अजनबी- अनजाने से बावरे बन क्यों जीने लगते हैं एक संग ? प्यार जब इश्क बन जाता है तब रुहें एक हो जाती है एहसास […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।