ईपत्रिका मन की बात का विमोचन, जनचेतना व पितृ भक्त/भक्ता से नवाजे गये साहित्यकार

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साहित्य संगम संस्थान दिल्ली की ई पत्रिका “मन की बात” नशा निषेध विशेषांक का विमोचन 21 जून 2019 योग दिवस पर पंचपरमेश्वर की पंच जबलपुर की साहित्यकार आद डॉ भावना दीक्षित जी के करकमलों से किया गया उन्होंने बताया की *मन की बात* ” नशा निषेध विशेषांक ” का विमोचन करते हुए बहुत हर्ष का अनुभव कर रही हूँ। हमारा संस्थान प्रत्येक क्षेत्र में नित नए सफलता के मुकाम छूता जा रहा है। इसी कड़ी में यह विशेषांक आप सब के समक्ष प्रस्तुत है। सभी इसे पढ़े, गुने और इस पर  अपने विचारों से भी पटल को समृद्ध करें।इस पत्रिका में नशा रोकने का सफल आहृवान कर देश की नामी साहित्यकारों की अभिव्यक्ति नये मुकाम हासिल कर रही है,इस पत्रिका में नशा निषेध विशेषांक के प्रतिभागियों में छगन लाल गर्ग “विज्ञ”,
अनिता मंदिलवार “सपना” ,पंकज चन्देल “प्रसून” ,ऋतु गोयल “सरगम”,अलका जैन,नीलिमा तिग्गा “नीलांबरी”, राजेश कुमार शर्मा “पुरोहित”, शिवकुमार लिल्हारे “अमन”,सरिता श्रीवास्तव,रामजस त्रिपाठी “नारायण”,हरीष विष्ट ,गीतांजली वार्ष्णेय,छाया सक्सेना “प्रभु”, रवि रश्मि “अनुभूति”, रूचि तिवारी ,गीता गुप्ता “मन”, राजकुमार सिंह “राज”,बृजेश पाण्डेय “विभात”,लता खरे ,दीप्ति शर्मा ,कल्पना “खूबसूरत ख़याल” ,नवीन कुमार भट्ट “नीर”,डॉ.मीना भट्ट,राजवीर सिंह “मंत्र”, इंदू शर्मा “शचि”,मनोज कुमार सामरिया “मनु” अपनी संकल्पित अभिव्यक्ति के माध्यम से जन जागरूकता फैलाई, सह सम्पादकीय,
अध्यक्षीय हो या शुभकामना,अभिव्यक्ति सभी प्रेरणादायिक से भरी हुई,जिसमें चयनित प्रतिभागियों को जन चेतना सम्मान से मुख्य मंच साहित्य संगम संस्थान में 22/06/2019 शनिवार को भक्तिकाल में सुबह 08:00 बजे राजेश शर्मा पुरोहित जी भवानीमण्डी के करकमलों से सम्मानित किया गया।इसके अलावा योगशाला साहित्य संगम संस्थान दिल्ली द्वारा १६/०६/२०१९ रविवार को पितृ दिवस विशेष पर सृजन कर अपनी उपस्थिति दर्ज की संस्थान आपकी उपस्थिति का आभार वंदन करता है।अलंकारक व पंचपरमेश्वर अधीक्षक आद कैलाश मंडलोई कदंब जी के द्वारा 22/06/2019 शनिवार को योगशाला  मंच पर दोपहर 12 बजे प्रतिभागी साहित्यकारों को पितृभक्त/भक्ता सम्मान से नवाजा गया जिनमें शिव शंकर बोहरा ,अर्चना राय ,मनोज कुमार सामरिया “मनु” ,डॉ मीना भट्ट ,कुमार संदीप,डॉ सरिता श्रीवास्तव ,लता खरे , इंदू शर्मा “शचि” , गार्गी गुप्ता,रवि रश्मि “अनुभूति”,डॉ छगनलाल गर्ग “विज्ञ” ,राजवीर सिंह “मंत्र” है।
(नीर)

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।