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उजड़ा-उजड़ा चमन
भीगा-भीगा हर नयन
भूखी आधी आबादी
झूठी तेरी आजादी
वोट लिया हमारा
विकास हुआ तुम्हारा
महंगा यहां जीवन
सस्ता हुआ मरण
मेहनत हम करें
घर दलाल भरें
नेता जी को सब मुफ्त
कानून बड़ा सुस्त
महल बने तुम्हारे
झोपड़े भी न हुए हमारे
तुम छलकाओ मदिरा प्याले
हमको तो रोटियों के भी लाले
मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
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