वाणी और व्यवहार का
दिया कबीर ने ज्ञान।
जगजग को संदेश दिया
बोलो मीठे वचन तुम।
जिस से टल जाते है
बड़े बड़े रणभूमि के युध्द।
कहत कबीर सारे जग से
सत्य अहिंसा पर तुम चलो।।
गंगा नदी के तट पर
बैठकर कहते संत कबीर।
सब जन तुम मिलकर रहो
राम कृष्ण की जन्मभूमि पर।
आल्लाह ईश्वर् और भगवान
सब जन को तुम एक जानो।
और अपने अंतर मन को
तुम देशवासियों सब जानो।।
कहत कबीर सुनो भाई साधु
बात मैं कहूँ सब खरीखरी।
न हिंदू न मुस्लिम न सिख ईसाई
सबसे पहले है हमसब भाई भाई।
होते जग में यदि आज संतकबीर
तो रो रो कर वो गाते।
कोई किसी का नहीं है भाई
इस मायाचारी जग में।।
संत कबीर जी की जयंती की सभी को बहुत बहुत बधाई और शुभ कामनाएं।
जय जिनेंद्र देव
संजय जैन, “बीना” मुंबई