![](http://matrubhashaa.com/wp-content/uploads/2017/02/sanjay.png)
सीने से लगाकर तुमसे
बस इतना ही कहना है।
की मुझे जिंदगी भर तुम
अपनी बाहों में रखना।।
मेरी साँसों में तुम बसे हो
दिलपे तुम्हारा नाम लिखा है।
मैं अगर खुश हूँ मेरी जान
तो ये एहसान तुम्हारा है…।।
मुझे आँखो में हरपल तेरी ही
एक तस्वीर दिखती रहती है।
दिल दिमाग पर तू ही तू
हर पल छाई रहती है।।
भूलकर भी मुझे छोड़ने का
तुम कभी इरादा मत करना।
वरना मेरी मौत का पैग़ाम
तुझे जल्दी ही मिल जायेगा।।
देख नहीं सकता तुझे मैं
अब किसी और के बाहों में।
क्योंकि ये दिल अब तेरे बिन
कही और मेरा लगता नहीं।।
जय जिनेंद्र देव
संजय जैन “बीना” मुंबई