विकल वेदना तडपाती है
बेबस मन को क्या समझाये
मन में पीडा फिर जाग उठी
फिर नीर नयन में भर आये
अब आयेगा अब आयेगा
वो राह द्वार पर तकती है
सारी उम्मीदें टूट गईं
फिर भी वह आशा रखती है
बिना तेरे जीवन में बेटा
कुछ भी नहीं हमारे
बस एक बार तो आजा बेटा
तुझको तेरी माता पुकारे
शहीद बेटे के भाव
साहस बटोर अब रखलो माँ
तेरा बेटा अब नहीं यहाँ
संकल्प हुआ उसका पूरा
कुर्बान हुई उसकी अब जाँ
वतन की रक्षा करना था माँ
ये फर्ज अदा तो करना था माँ
जिस मिट्टी पर जन्म लिया था
उसकी खातिर तो मरना था माँ
मीना विवेक जैन
परिचय-
नाम- मीना विवेक जैन
बालाघाट, मध्यप्रदेश
शिक्षा-बी.ए.
प्रकाशित पुस्तकें
एकल संग्रह–सृजन समीक्षा, अहसास, बदलाव, आपातकाल में सृजन फुलवारी, स्त्री हृदय की धडकन है, मेरी प्यारी प्यारी बेटियाँ,
लगभग 20 से अधिक