ये भौजी तुम कितनी
सुंदर और नोनी हो।
और तुमसे ज्यादा सुंदर
तुमरी बहानिया है।
देखकर हमरे नैना
हटताई नहिं हैं।
और धक धक करात
हमरो जो दिल है।।
ये भौजी तुम कितनी
सुंदर हो….।।
जबाऊ से तुमरो व्याओ
भाऊ है भैया से भौजी।
तभाऊ से हमरो भी दिल
तुमरी बहिनिया पर आऊँगा है।
अब तुम काछऊँ कोऊँ
चक्कर तो चलवाओ न।
ताकि हमरो व्याओ तुमरी
बहिनिया से हो जाये।।
ये भौजी तुम कितनी
सुंदर हो…..।।
जबाऊँ हमे देखत उसे वो
नैनो से गोली से बरसाऊत।
जो मारे दिलखो लग जाऊत।
अब भौजी तुम्हाई बताओ
मोहय क्या करना चाहिए।
ताकि तेरी बहिनिया
हमरी लोगाईं बन जाये।।
और दोनों में फिरऊँ से
बहिनिया वाला रिश्ता
तुमरो बन जाये।।
ये भौजी तुम कितनी
सुंदर हो……।।
बुंदेलखंडी में लिखने का प्रयास किया है। यदि कही कोई गलती हो जाये तो हमे क्षमा करना जी।पहली बार लिखा है।
जय जिनेन्द्र देव
संजय जैन (मुम्बई)