विष्णु के अवतार जो है
परशु राम है नाम इनका।
अत्याचारी रक्षक और
छात्रियो किया था वध इन्होंने।
ऐसे बलसाली ऋषि
परशुराम के चरणो को वंदन।
हम सब मिलकर आज
करते है।।
इस कलयुग में अब हमें
जरूरत है इस युध्दा की।
जो कलयुग से नष्ट कर दे
इन भृष्टाचारी लोगों को।
एक बार फिरसे लेकर अवतार
आ जाओ परशुराम जी भगवान।
धन्य हो जायेंगे पृथ्वी
पर रहने वाले लोग।।
ब्रहमाणो की रक्षा हेतु
उठा लिये थे शस्त्र।
ऐसे बलसाली ज्ञानी तपस्वी थे
अपने ऋषिवर भगवान परशुराम।
आओ मिलकर हम सब
मनानाये उनकी जयन्ती आज।
अक्षय तृतीय का दिन
बड़ा ही शुभ दिन होता है
क्योंकि इस दिन हुये थे
बहुत सारे चमत्कार।।
जय जिनेंद्र देव
संजय जैन मुंबई।