0
0
Read Time34 Second
हर पल आती याद मुझे
कभी न पाता भूल उन्हें
वह ईश्वर का ही रूप थी
मेरे जीवन का मूल थी
कांटा अगर चुभता मुझे
दर्द से वह करहाती थी
पाला पोसा था मुझको
कष्टो से दूर रखा मुझको
मेरे चेहरे की मुस्कान को
खिलौना खुद बन जाती
उनकी पूजा करना ही
ईश्वरीय पूजा कहलाती
हर युग मे ऐसी विभूति
‘मां’शब्द से जानी जाती।
#श्रीगोपाल नारसन
Post Views:
404