भक्तो से प्रभु कह रहे
मेरे तुम एक बात सुन लो।
उस पर तुम अमल करो।
जिंदगी तेरी बदल जायेगी।
फिर तेरी आस्था मुझे पर
निश्चित ही बड़ जायेग।
क्या मैं कहता हूँ
जरा तो तुम सुन लो।।
तुम अपना रंज-ओ-ग़म,
अपनी परेशानी मुझे दे दो
करो तुम देव दर्शन
जा के मंदिर में नित्य दिन।
तुम अपना रंज-ओ-ग़म,
अपनी परेशानी मुझे दे दो।।
ये माना मैं किसी क़ाबिल नहीं हूँ
दुनियां की निगाहों में-२
बुरा क्या है अगर,
ये दुख ये हैरानी तुम मुझे दे दो
तुम अपना ……………।।
मैं देखूँ तो सही की,
दुनिया तुम्हें कैसे सताती है – २
कोई दिन के लिये,
अपनी निगहबानी मुझे दे दो
तुम अपना …………..।।
वो सब जो मैने मांगा था
मगर गैरों ने पाया – २
बड़ी शै है अगर वो,
उसकी पशेमानी मुझे दे दो
तुम अपना ………..
जय जिनेंद्र देव
संजय जैन मुंबई