श्रवाक दर्शन से धन्य हुये

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जब मिले गुरुके दर्शन
जब मिले प्रभुके दर्शन।
देखकर गुरु प्रभु को
हो जाता श्रावक धन्य ।। २

ज़िंदगी की दास्तां,
चाहे कितनी हो हंसीं
बिन गुरुके कुछ नहीं,
बिन प्रभुके कुछ नहीं।।
क्या मज़ा आता मुनिवर,
आज भूले से कहीं
गुरुवर भी आजाते यहाँ,
मुनि संघ के सहित
देखकर प्रभुका समोशरण
वो भी रह जाते दंग।
इतनी सुंदर दृश्य यहाँ का
देखकर हो जाते धन्य।।
जब मिले गुरुके दर्शन
जब मिले प्रभुके दर्शन।।

ये नजारा जिनेंद्रालाय का
और फिर दिव्य ध्वनि
हाय रे ये स्वर्गलोक
हाय रे ये स्वर्ग लोक।।
ऐसा लगता हैं मुझे,
जैसे मैं स्वर्गलोक में हूँ।
इस लोक से जान ए जां
इस लोक से जान ए जां।
सुन के उनकी वाणी
मेरी आत्मा प्रसन्न हुई।
आज से पहले यह
सब कभी देखा नहीं।।
जब मिले गुरुके दर्शन
जब मिले प्रभुके दर्शन।
देखकर गुरु प्रभु को
हो जाता श्रवाक धन्य।।

जय जिनेंद्र देव
संजय जैन, मुंबई

matruadmin

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सोच

Tue Mar 30 , 2021
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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।