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रचता ने जब रचना का जिम्मा
स्वयं के कंधों पर उठा लिया
लेखराज को ब्रह्माबाबा बना
युग परिवर्तन रथ चला दिया
इसी यज्ञ में आहुति देने को
जानकी कन्या ने जन्म लिया
सन उन्नीस सौ सोलह के साल में
एक जनवरी को अवतरण लिया
ओम मंडली से जुड़कर जानकी
परमात्मा की याद में खो गई
जीवन समर्पित शिव को किया
विश्व शांति संवाहक बन गई
104 वर्ष तक धरा पर रहकर
ईश्वरीय ज्ञान का प्रकाश फैलाया
पतित से पावन बनाने के लिए
युग परिवर्तन अभियान चलाया
साक्षात देवी स्वरूपा थी जानकी
स्थिर मन की स्वामिनी जानकी।
#श्रीगोपाल नारसन
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