जिस प्रकार जिव्हा दांतों में खुद को बचाते हुए अपना सम्पूर्ण कार्य कुशलतापूर्वक करती है। उसी प्रकार हमें अपने-आप को चारों दिशाओं से कोरोना के चक्रव्यूह को भेदते हुए जीवनयापन करना होगा। तभी हम स्वयं को बचाने में सफल होंगे। कोरोना महामारी से निपटने के लिए सरकार द्वारा जो भी प्रयास किए गए वह अत्यंत सराहनीय थे। जिनके दूरगामी सकारात्मक परिणाम विश्व विश्लेषण एवं मूल्यांकन में स्पष्ट होंगे। कोरोनाकाल में एक अत्यंत महत्वपूर्ण सरकारी कर्मियों की उल्लेखनीय क्रिया यह सामने आई है कि जो कार्य वर्षों में नहीं होते थे वह एक दिन में होने लगे हैं। जो कार्य कार्यालयों के चक्कर पर चक्कर लगाने पर भी घनचक्कर कर्मी नहीं करते थे। वे कार्य मोदी जी को पत्र लिखने मात्र से सम्पूर्ण हो रहे हैं। कटु सत्य यह भी वर्णनीय है कि राजनैतिक मंत्रिमंडल तो परिवर्तित होते थे किन्तु सरकार के कार्यों में टस से मस का अंतर भी नहीं आता था। जो अंतर कोरोनाकाल में आ रहा है। जैसे कि अच्छे और बुरे अधिकारियों/कर्मचारियों की पहचान हो रही है। जिसके फलस्वरूप उन्हें दण्ड और प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है। जिसका श्रेय निःसंदेह मोदी सरकार के कोरोना मंत्रीमंडल को जाता है। जिससे प्रशासन चुस्त और दुरुस्त होने के साथ-साथ जवाबदेह हो रहा है। जो राष्ट्र के स्वाभिमान एवं विकास सहित विश्व में आगे बढ़ने के शुभ संकेत हैं।
#इंदु भूषण बाली