यूँ तो महबूब की आँखों में डूबता हूँ मैं

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यूँ तो महबूब की आँखों में डूबता हूँ मैं
अपने सीने में दबा दर्द नापता हूँ मैं।।

उनकी साँसों में ही अब समाया हुआ
खुद को खुद में ही यूँ अब ढूंढता हूँ मैं।।

चाँद तारो की भी परवाह नही अब मुझको
उनकी नज़रो से गिर कर अब टूटता हूँ मैं।।

वो सफीने से मुझे दे रहा था कितनी सदा
मैंने खुद को समझ लिया कि नाख़ुदा हूँ मैं।।

जाने क्या दिल मे है उनके जो मुंह चिढ़ाते हैं
यूँ रोज़ रोज़ नए इम्तिहाँ से गुज़रता हूँ मैं।।

बादलो ने यूं अब मेरे साथ छेड़खानी की
सूखा मंज़र रहा ज़िन्दगी भर,अब नया हूँ मैं।।

ज़िन्दगी की कैद से अब रिहाई दे मुझे
तेरे बिना यूँ ज़िन्दगी में सिरफिरा हूँ मैं।।

यूँ शब-ए रात मुझसे यूँ मेरे साये ने कहा
“आकिब” तुझको अब ठिकाने लगा रहा हूँ मैं।

आकिब जावेद
बिसंडा,जिला-बाँदा

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।