फूल खिलकर भी उदास है।
समुद्रको आज भी पानी की प्यास है।
एक बार तो आप मुस्करा दो
जिंदगी को हंसी की तलाश है।।
दिखता नहीं आपका हँसता हुआ चेहरा
तो दिल उदास हो जाता है।
न दिल कही लगता है
और न मन कही ठहरता है।
बस तुम्हे हँसता हुआ
देखने का जी करता है।
और तेरी यादों के सहारे
जीने का दिल करता है।।
बदल जाती है तस्वीरे
जब अपने रूठ जाते है।
दिल के गैहराइयो में
दर्द ही दर्द छा जाता है।
चाहकर भी हम उन्हें
भूल नहीं पाते है।
जिन्होंने जिंदगी में हमारी
अंधेरा ही कर दिया।।
जय जिनेंद्र देव के
संजय जैन (मुंबई)