नारी सम्मान

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आज तो हर संचार मीडिया पर मां ही तो छाई है,
तो फिर वो वृद्ध आश्रम में किसकी मां आई है,
आज नारी का शोषण करने वाले
ही मां को मानने वाले है
नारी को वासना की निगाहों से ताड़ने
वाले वो औरत भी तो किसी की बहिन या माई है।
बताओ कि नारी की किसके विरूद्ध लड़ाई है ?
जन्म से पहले कोख में मरवाते हो और
जग जननी से दौलत की भीख मांगते हो।
आज मैने देखा नारी की इज्जत
तार तार करने वाले इज्जत भरपूर चाहते हैं।
कभी अपनी मां को इज्जत न दी वो
वो आज शेरावाली के सामने क्यों शीश झुकाते हैं
हे मां तेरी सबसे ज्यादा जरूरत
तेरे ही रूप को है जो लड़ती हर कुरूप से है
जो अभी अभी नारी रूपी मां के साथ घटा
वो भी जानते हो क्या?
या फिर सिर्फ इन दिनों में ही मां को मानते हो।
ए नारी तू विचलित क्यो होती है ,
तुझे किसी की जरूरत नहीं है तू अकेली सिंह के
सम्मान होती है।
अब देर मत कर खड़ग उठा ,वहशियों पर वार कर
उनके टुकड़े हजार कर।
नारी तू ही दुर्गा तू ही महाकाली
अब तेरे बिना ये घटनाएं कहा रुकने वाली है।

#अनिल कुमार

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

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