मेरे जीवन का आधार है हिंदी,
भारत मां की आवाज है हिंदी,
हिंदू, मुस्लिम,ईसाई या हो सिंधी,
सबकी प्यारी भाषा होती है हिंदी।
हिंदी भाषा प्रेम का गागर है,
हमारी संस्कृतियों का सागर है,
प्राचीन संस्कृति को हमें बचाना है,
हिंदी को विश्व पटल पर लाना है।
बावन अक्षरों का योग है हिंदी,
संधि समास का संयोग है हिंदी
भारत माता की बिंदिया है हिंदी,
भारत की गौरव की गाथा में है हिंदी,
रामचरितमानस की भाषा है हिंदी,
कबीर रहीम तुलसी की कविता है हिंदी,
‘ओम’कवियों की प्रियभाषा होती है हिंदी
भारत की प्यारी राजभाषा भी है हिंदी।।
यह मेरी स्वरचित रचना है।
कवि-ओम प्रकाश श्रीवास्तव ‘ओम’
सहायक अध्यापक भीतरगांव
कानपुर नगर, उत्तरप्रदेश