घरबार नज़र आता है

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रास्ता ये मुझे , दुश्वार नज़र आता है ,
सारा आलम मुझे , बीमार नज़र आता है ।

जो गरीबी में बेच, सकता नहीं है खुद को ,
आदमी फिर वही , खुद्दार नज़र आता है।

एक औरत जो अपनी , राह भटक जाती है ,
हर कोई उसका , तलबगार नज़र आता है ।

ख्वाहिशें होती है पैदा और दफन होती है ,
वक्त भी हाथों से , लाचार नज़र आता है।

हौसला पास रहा , टूटा है बार – बार ,
बिखरने वालों को , घर – बार नज़र आता है ।

ये निवेदन , नयन से करता है ,
इसमें बस आपका , आभार नज़र आता है ।

नाम – उमा शिव
साहित्यिक उपनाम – उमा शिव ।
जन्म तिथि – ०७ / ०६ / १९७७
वर्तमान पता – बालाघाट , म. प्र., ४८१४४५
राज्य – मध्य प्रदेश
शहर – तिरोड़ी , जिला – बालाघाट
शिछा – एम. ए. , बी. एड. , पी. जी. डी. सी. ए., योग प्र. पत्र ।
कार्यछेत्र – प्रेरक शिछिका , व्यवसाय।
विधा – गीत , गज़ल , कविता हास्य – व्यंग्य।
प्रकाशन – समाचार पत्र – पत्रिकाओं व काव्य संकलनों में ।
सम्मान – अनेक संस्थानों से ।
ब्लॉग –
अन्य उपलब्धियाँ – ……/मंचीय काव्य पाठ
लेखन का उद्देश्य – हिन्दी भाषा व साहित्य का प्रचार – प्रसार , खुशी मिलती है।
आपको मातृभाषा . कॉम के बारे में कैसे पता चला ( किस व्यक्ति ने बताया उनका नाम या फिर सोशल मीडिया से तो कैसे ) –
साहित्य संगम संस्था तिरोड़ी , जिला – बालाघाट आये थे डॉ. अर्पण जैन जी तब पता चला ।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यछ जी डॉ. अर्पण जैन जी ने बताया ।

matruadmin

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।