दूर रहो बस दूर रहो

0 0
Read Time1 Minute, 34 Second

न हम बदले न वो बदले,
फिर क्यों बदल रहे इंसान।
कल तक जो अपने थे,
सब की आंखों में बसते थे।
पर अब तो वो सिर्फ,
सपनो जैसे देखते है।
न हम न वो आये जाएं,
अब एक दूसरे के पास।।
न हम बदले न वो बदले,
फिर क्यों बदल रहे इंसान।

एक घटना ने कैसे
हिला के रख पूरा हिंदुस्तान।
बाज फिर भी नही आ रहे,
देश के सत्ताधारी इंसान।
और मुर्गों जैसे लड़ रहे,
राष्ट्रीये विपत्ति में भी आज।
न आज शर्म बची है,
लड़ने और लड़ाने वाली में।।
न हम बदले न वो बदले,
फिर क्यों बदल रहे इंसान।

देश की जनता अब,
निश्चित जाग गई है।
अपनी करनी पर अब,
बहुत ही आंसू बहा रही है।
की क्यों इन बेशर्मो को,
हम सब सुनते और देखते है।
अब ज्ञान हो गया है सबको,
की कोई नही है किसी का।।
न हम बदले न वो बदले,
फिर क्यों बदल रहे इंसान।

अच्छे अच्छे ज्ञानी ध्यानी भी,
अब भाग रहे है अपने आप से।
कोई कुछ नही है कहता
बस सब कहते दूर रहो।
भाई खुद जीओ और,
दूसरों को भी जीने दो।
और आप भी एक दूसरे से,
दूर रहो बस दूर रहो..।।
न हम बदले न वो बदले,
फिर क्यों बदल रहे इंसान।

जय जिनेन्द्र देव की
संजय जैन (मुम्बई)

matruadmin

Next Post

श्रावण

Wed Jul 8 , 2020
श्रावण मास की रिमझिम फुहार बादलो की गर्जना लगे झनकार गुस्से में जब आ जाते है बादल बिजली हम पर गिराते है बादल होती है जन धन की भी हानि आसमान से काल की यही कहानी प्रकृति स्वयं बनाती है संतुलन श्रावण में होते हरियाली उपवन शिव साधना का समय […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।