अपने बिछाये जाल में फँसने को मजबूर चीन

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विश्व स्वास्थ्य सभा में करोना जाँच के लिए रिजोलुशन पास होने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन से करोना की जांच के लिए राजी होने से अब wHO  वायरस की  प्रारंभिक उत्पत्ति का पता लगाएगा। चीन के लिए एक ब्रजपात के समान है। इस कदम का भारत सहित दुनियां के अधिकांश देश ने भी समर्थन किया है। अब इसे नकारा नही जा सकता न चाहते हुए भी चीन को जाँच में मजबूरन सहयोग करना होगा । पक्षपात का आरोप विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियो पर भी लगा है इस रिजोलुशन में उसकी भी जाँच कराये जाने का प्रस्ताव पास हुआ है जो चीन और who  के अधिकारियो के लिए मुश्किलो का सफर होगा।
दुनिया में लगभग 47-50  लाख मरीज तकरीबन 3▪25  लाख मौतें ने दुनिया को स्तब्ध कर दिया है जबकि,  चीन के चेहरे पर तनिक भी अफसोस नहीं यह सोचने को मजबूर करती है। जहां मानव जीवन पल पल आगोश में जा रही है वही चीन अपना प्रोडक्ट दुनिया को बेचकर सहानुभूति बटोरना चाहता है।अब प्रायः सभी देश उसके मंसूबो से वाकिफ हो चुके हैं।
भारत ने अपने इरादे स्पष्ट कर दिये हैं और प्रधानमंत्री का वह सम्बोधन जिसमें भारतीय प्रोडक्ट पर जोर देने की बात कही गयी वह चीन के लिए एक करारा तमाचा है जो उसे जोरो की लगी जिसकी वौखलाहट सरहद पर सैनिको की झड़प और हेलीकाप्टर की उड़ाने जो वोर्डर रूल का उल्लंघन करती नजर आयी है। सीमा पर भी तनाव है। आने वाले समय में वह एक रूपये का भी बाजार भारत में नही कर पाये ऐसा भारत सरकार की योजना होनी ही चाहिए साथ ही साथ हम भारतीयों की भी सोच होनी चाहिए।
इसी सोच के अनुरूप दुनिया के देश भी सोचने लगे हैं और जाँच करने की माँग की है।इस सोच में और इजाफा होने वाला है।अब तक के जीतने रिपोर्ट बनी है सबकी निगाह बुहान लैब पर जाकर रूक जाती है और शक के घने बादल उसी लैब में बरसने लगते है। जिससे चीन की धड़कन बढ़ना लाजिमी है।अब आने वाले वक्तो में यह देखना दिलचस्प होगा कि जाँच में वह कितना सहयोग करता है या सिर्फ  दिखावा।वैसे दिखावा के चांसेज ज्यादा हैं क्योंकि वह किसी भी सूरत में नहीं चाहेगा कि उसके लैब में किसी तरह की जांच हो और वहाँ की सीक्रेट बाहर जाय।लेकिन दूसरा पहलू यह भी है कि यह किसी एक देश का मसला नही है। वह चाहकर भी जाँच को रोक नही सकता क्योंकि ऐसा करने पर विश्व समुदाय का बैरी बन जाएगा।
दुनिया भर से मिली अबतक के रिपोर्ट के अनुसार करोना की उत्पत्ति चीन की बुहान शहर से हुई है क्योंकि पहला मरीज वही नवम्बर 19 में मिला फिर देखते ही देखते पूरे वुहान शहर को अपनी चपेट में ले लिया गौर करने वाली बात यह है कि चीन के दूसरे शहर के बजाय यह पूरी दुनिया में फैल गयी जो शक पैदा करता है कि यह मानव निर्मित चायनीज वायरस है।ऐसी आशंका भी है कि चीन ने मृतको के आंकड़े दुनिया से छिपाये है जो जाँच के बाद सामने आ सकती है। भारत एक घनी आबादी वाला देश जहाँ विविधता है और एक विस्तृत बाजार है जो आज दो महीने से पूर्ण बंद है ।सभी घरो में कैद है ।लगातार लोग अनेक परेशानियाँ झेल रहे हैं।इसी तरह की परेशानी वो तमाम देश झेल रहे जहां यह वायरस है ।दरअसल इसी परेशानीयों का फायदा चीन उठाना चाहता है ।भारत सरकार तथा दुनिया को चाहिये की वह इस देश का पूर्ण वाहिष्कार करें ताकि उसका खुद का आर्थिक लाँकडाउन हो । भारत के लोग कमर कस चुके है अब दुनिया भी स्थिति को समझ रही है यही कारण है कि अमेरिका और दुनिया के प्रभावित मुल्क ने चीन के प्रति कडा रूख अपनाया है और कोरोना उत्पत्ति की जाँच हो ऐसे प्रस्ताव विश्व हेल्थ सभा में आयी जो अब इसकी जाँच करेगी। जाँच के साथ ही चीन की मुश्किलें बढ़ सकती है और आने वाले कुछ समय दुनिया भी इसे बरकरार रखखर इस जैविक युद्ध के साथ चीन से आर्थिक युद्ध लड़ेगी।

“आशुतोष”

नाम। – आशुतोष कुमार
साहित्यक उपनाम – आशुतोष
पटना ( बिहार)
कार्यक्षेत्र – जाॅब
शिक्षा – ऑनर्स अर्थशास्त्र
प्रकाशन – नगण्य
सम्मान। – नगण्य
अन्य उलब्धि – कभ्प्यूटर आपरेटर
टीवी टेक्नीशियन
लेखन का उद्द्श्य – सामाजिक जागृति


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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।