क्या लाॅकडाउन की राहत बढ़ने से बढ़ गई है लापरवाही?

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  सावधानी हटी तो दुर्घटना घटी वाली कहावत चरितार्थ होने जा रही है। क्योंकि सम्पूर्ण लाॅकडाउन से नागरिक ऊब चुके हैं। जिसके फलस्वरूप लापरवाह होना स्वाभाविक है।
  महत्वपूर्ण बात यह भी है कि पिछले दिनों निरंतर घरों में कैदियों की भांति बंद रहने के कारण बहुत से महिला-पुरुष मानसिक रूप से बीमार हो चुके हैं। क्योंकि अकस्मात उत्पन्न प्रतिकूल परिस्थितियों से तनाव बढ़ जाता है। जिस पर सामन्य मानव नियंत्रण नहीं रख पाता और तनाव के गहरे पानी में डूब जाता है। जिससे निजात पाने के लिए लापरवाही लाभकारी है।
  चूंकि मस्तिष्क को आराम तभी मिलेगा। जब उस पर दवाब कम पड़ेगा। स्पष्ट कहें तो जब मस्तिष्क लापरवाह होगा। वह डर से डरना छोड़ देगा।
  अतः आगे-आगे यही होने वाला है। चूंकि लाॅकडाउन की राहत बढ़ गई है। जिससे लापरवाही भी स्वाभाविक बढ़ेगी। जिससे हमें दुर्घटनाओं की चुनौतियों का सामना करना ही पड़ेगा।

इंदु भूषण बाली

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।