यह रोग नहीं महामारी है |

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यह रोग नहीं महामारी है |
सब पर कर रहा सवारी है ||
इस पर कोई न सवार हुआ |
यह प्रश्न बना हुआ भारी है ||

ये कैसा बुरा समय आया है |
यह सारे संसार पर छाया है ||
सबने सारी शक्ति लगा दी है |
फिर भी काबू न कर पाया है ||

वह अदना सा है एक तरफ |
सारा विश्व भी है एक तरफ ||
फिर भी उसे हरा न पाया है |
हाहाकार है अब चारो तरफ ||

एटम बम भी काम न कर पाये है |
तोप तलवार भी काम न आये है ||
अब मानव है कितना मजबूर हुआ |
सब मिलकर भी कुछ कर न पाये है ||

जो शक्तिशाली अपने को बनता है |
उससे से भी यह रोग न थमता है ||
वह भी ऐसा हुआ है आज लाचार |
बनने से अब कुछ नहीं बनता है ||

कोरोना पड़ा सब पर भारी है |
कर रहा सब पर मारामारी है ||
विजय न कर सका उस पर कोई |
जो समझते थे अपने को भारी है ||

प्रक्रति का कर रहे थे हम शोषण |
जल और वायु कर रहे थे शोषण ||
उसने हमसे बदला ले लिया है |
मानव का कर रही है वह शोषण ||

भारत ही अब विश्व गुरु होगा |
इसकी दवा वह सबको देगा ||
जब भारत इस पर विजय कर लेगा |
तब भारत का लोहा मानना होगा ||

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

matruadmin

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Sat Apr 11 , 2020
प्रिय सखी तुम ना घबराओ; संघर्षों, तूफ़ानों से। साक्षर, कर्मठ, स्वाभिमानी तुम; सामना करो तूफानों से।। दुख भी आते, सुख भी आते; जीवन इसी का नाम है। ना घबरा इन दुखों से; जीवन में आते, उतार-चढ़ाव हैं।। सोना भी तो आग में तपकर; अपनी कीमत बढ़ाता है। संघर्षों से लड़कर […]

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।