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आओ सब मिल कर मनाये खुशियों की दीवाली
मिट्टी के दिये जलाके फैलाए चहुँओर खुशहाली
जगमग जगमग दिप जलेंगे पटाखे खूब चलाएंगे
आपस में गले लगाकर प्यार का दीपक जलाएंगे
खुशियों का त्यौहार दीवाली खुशी सबको बाटेंगे
सबका मुँह मीठा करवा कर द्वेष से कन्नी काटेंगे
सबके घर में खुशियां आये दीप दान सभी करेंगे
ग़रीबो के घरों में रोशन हो पाए घी के दिए भरेंगे
बड़े जलाए बच्चे जलाए दीपों से जगमग संसार
एक दूजे के साथ रहकर बढ़ जाता है देखो प्यार
खुशियों की बौछार व जीवन का उपहार दीवाली
घर साफ़ व निर्मल होते दीपों का त्योहार दीवाली
रंग बिरंगे रंगों से सब घर आँगन में रंगोली सजाते
नए नवेले कपड़े पहन कर प्यार के गीत गुनगुनाते
“जसवंत”करता अर्जी आपसे मन से दीप जलाओ
राग द्वेष,भेदभाव मिटाके,मिलके दीवाली मनाओ
नाम – जसवंत लाल बोलीवाल ( खटीक )
पिताजी का नाम – श्री लालूराम जी खटीक ( व.अ.)
माता जी का नाम – श्रीमती मांगी देवी
धर्मपत्नी – पूजा कुमारी खटीक ( अध्यापिका )
शिक्षा – B.tech in Computer Science
व्यवसाय – मातेश्वरी किराणा स्टोर , रतना का गुड़ा
राजसमन्द ( राज .)
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