आज २३ मार्च को हम बलिदान-शहीदी दिवस के रूप में मनाते हैं। इसलिए यह बहुत बड़ा दिन है। इस दिन भगतसिंह, राजगुरु और सुखदेव जब अपनी बैरकों से निकलते हैं तब यह गीत गुनगुनाते हैं।
उन तीनों को सन्१९३१ में फांसी दी गई थी। १४ घंटे पहले ही उन्हें फांसी पर लटका दिया गया था। किसी को कानों-कान खबर भी नहीं लगी थी, क्योंकि इस वजह से पूरी दुनिया में एक बवाल होने जा रहा था। अंग्रेज सरकार घबरा गई थी। ज्यादातर लोग भारतीय ही थे जो सेना में भर्ती थे उस समय और अपने ही लोगों को मार रहे थे।
यह गाना सन् १९२८ में लिखा गया था। इसकी तुकबंदी शहीद रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक अल्ला खां व उनके साथियों ने जेल में की थी। यह गीत सरदार भगतसिंह को काफी पसंद था। यह गीत उस समय ‘साप्ताहिक अभ्युदय’ में १९३१ के अंक में प्रकाशित भी हुआ था।
यह गीत ‘भगतसिंह का अंतिम गीत’ के शीर्षक के साथ छपा था। कितनी वीरता, शौर्यपूर्ण, बलिदान का भाव इस गीत में छिपा हुआ है।
भगतसिंह तो मात्र ८ वर्ष के थे जब वे क्रांतिकारी हो गए थे। १५ वर्ष में तो उन्होंने देश को आजाद कराने के लिए घर ही छोड़ दिया था। १७ वर्ष में संगठन बना लिया था। ऐसे महान थे वे सभी क्रांतिकारी।
हमें इन्हें कभी नहीं भूलना चाहिए। इनके बलिदान को हमेशा याद रखें और अपना कार्य करते जाएं। हमेशा याद रखें कि कोई दल, कोई धर्म, कोई विचार, कोई व्यक्ति अपने देश से बढ़कर नहीं होता है।
आज़ अगर हम सब एक होकर खड़े हों जाएं तो कितनी भी विकट स्थिति हो उससे बाहर जरूर निकल आएंगे। चलो आज हम सब मिलकर इन वीरों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और इस गीत का आनंद लेते हैं।
भगतसिंह का अंतिम गीत
रंग दे बसंती चोला, मेरा रंग दे बसंती चोला…
इसी रंग में गांधी जी ने,
नमक पर धावा बोला।
मेरा रंग दे बसंती चोला…
इसी रंग में वीर शिवा ने,
मां का बंधन खोला।
मेरा रंग दे बसंती चोला…
इसी रंग में भगत दत्त ने,
छोड़ा बंम का गोला।
मेरा रंग दे बसंती चोला…
इसी रंग में पेशावर में,
पठानों ने सीना खोला।
मेरा रंग दे बसंती चोला…
इसी रंग में बिस्मिल अशफाक ने,
सरकारी खजाना खोला।
मेरा रंग दे बसंती चोला….
इसी रंग में वीर मदन ने,
गवर्नमेंट पर धावा बोला।
मेरा रंग दे बसंती चोला….
इसी रंग में पद्ममकांत ने,
माडर्न पर धावा बोला।
मेरा रंग दे बसंती चोला….
जय हिन्द जय भारत।
नूतन गर्ग
साहित्यिक उपनाम- नूतन गर्ग
राज्य- दिल्ली
शहर- दिल्ली
शिक्षा- एम०ए०बीएड ०
कार्यक्षेत्र- शिक्षिका, लेखिका, कवयित्री, समाज सेविका
प्रकाशन- कई समाचार पत्रों व पुस्तकों में प्रकाशित
सम्मान- अखिल भारतीय साहित्य परिषद द्वारा काव्य भूषण सम्मान और लघुकथा भूषण सम्मान, स्टोरी मिरर द्वारा स्टोरी राइटिंग, स्टोरी मिरर द्वारा साहित्यक कैप्टन, स्टोरी मिरर द्वारा साहित्यक कर्नल और जय नदी जय हिंद साहित्यिक समूह द्वारा सर्वश्रेष्ठ रचनाकार आदि
ब्लॉग-स्टोरी मिरर, प्रतिलिपि, जय विजय, अमर उजाला काव्य
अन्य उपलब्धियाँ-
लेखन का उद्देश्य- अपनी लेखनी के माध्यम से सकारात्मक दिशा देना