(22 अप्रैल विश्व पृथ्वी दिवस पर विशेष रचना)
पृथ्वी आशा का प्रतीक है,
पृथ्वी की खूबियां प्रसिद्ध है।
जिस पर हर जीव रहे खुश,
पृथ्वी पर जीवन सुरक्षित है।।
पृथ्वी ऊर्जा का मूल स्रोत है,
पृथ्वी पर होे रहे कई शोध हैं।
जल,जंगल,जमीं इसके अंग,
पृथ्वी पर तो पग-पग शोध है।।
पृथ्वी पर प्रदूषण अवरोध है,
पृथ्वी पर इससे फैले रोग है।
करें हम पर्यावरण संरक्षित,
पृथ्वी से ही जिंदा हम लोग हैं।।
पृथ्वी की शान पेड़-पौधे हैं,
पृथ्वी सबका जीवन साधे है।
पेड़ लगाओ-पानी बचाओ,
पृथ्वी हरियाली से ही साजे है।।
#गोपाल कौशल
परिचय : गोपाल कौशल नागदा जिला धार (मध्यप्रदेश) में रहते हैं और रोज एक नई कविता लिखने की आदत बना रखी है।