देश विरोधी व हिन्दू द्रोही कृत्यों पर सरकारें करें कड़ी कार्यवाही
नई दिल्ली फरवरी 22, 2020। कट्टरपंथी मुस्लिम नेता ओवैसी के प्रवक्ता वारिस पठान ने अपने भाषण में हिंदू समाज को चुनौती देते हुए कहा था कि जब हम 15 करोड़ सड़कों पर उतरेंगे तो 100 करोड़ पर भारी पड़ेंगे। हिंदू समाज को धमकाने वाले इसी प्रकार के बयान व नारे नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) का विरोध करते समय कई अन्य स्थानों पर भी लगाए गए थे। विश्व हिंदू परिषद के केन्द्रीय संयुक्त महा-सचिव डॉ सुरेन्द्र जैन ने इन बयानों की कठोरतम शब्दों में निंदा करते हुए चेतावनी दी है कि कोई इस दिशा में सोचने का भी दुस्साहस ना करे।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार के बयानों से भी अधिक निंदनीय मुस्लिम नेताओं की चुप्पी है। ओवैसी सहित किसी भी स्थापित मुस्लिम नेता या सैक्यूलर विरादरी ने इन बयानों की भर्त्सना भी नहीं की है। हर छोटी-छोटी बात पर बड़े-बड़े वक्तव्य देने वाले इन लोगों की इस विषय पर चुप्पी भी अनेक प्रश्न खड़े करती है। नागरिकता संशोधन अधिनियम पारित होते ही देश में अनेकों स्थान पर हुए हिंसक उपद्रवों पर भी ये नेता चुप थे परंतु, अगर किसी स्थान पर राष्ट्रीय संपत्ति व जनता के जान-माल की सुरक्षा के लिए वहां की सरकार ने कोई कार्यवाही की, तो इन सभी ने आसमान सर पर उठा लिया और नफरत भरी हिंसा को उचित ठहराने का कुत्सित प्रयास किया। सेकुलर बिरादरी व मुस्लिम नेताओं का यह दोहरा चरित्र, विरोध के नाम पर की गई व्यापक हिंसा व विषैले नारों तथा भाषणों से देश का ध्यान हटाने का कुटिल प्रयास है।
डॉ सुरेन्द्र जैन ने कहा कि CAA के विरोध के बहाने आज 1947 को दोहराने का षड्यंत्र चल रहा है। 1947 में मुस्लिम लीग सीधी कार्यवाही की धमकी दे रही थी, मुस्लिम समाज का एक बड़ा वर्ग उस धमकी को लागू कर रहा था और वामपंथी उनका समर्थन कर रहे थे। आज समस्त सेकुलर बिरादरी उस समय के वामपंथियों की भूमिका निभा रही है। लोकप्रिय केंद्र सरकार को अस्थिर करने के लिए देश को दंगों की आग में झोंकने के असफल प्रयास के बाद अब वे शाहीन बाग जैसे प्रयोग करके देश में अराजकता निर्माण करना चाहते हैं। मुस्लिम समाज को सड़कों पर उतार कर वे सूत्रधार की तरह उनके मन में देश के प्रति घ्रणा निर्माण कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि ओवैसी की सभा में भी जिस तरह जिहादियों की भीड़ ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे दोहराए थे उससे भी उनकी मानसिकता स्पष्ट हो जाती है। इन सब लोगों को ध्यान रखना चाहिए कि आज का भारत 1947 वाला भारत नहीं है। यह हर राष्ट्र विरोधी चुनौती का मुंह तोड़ जवाब देने में सक्षम है। उनकी यह घृणा व विद्वेष की राजनीति ज्यादा दिन नहीं चल पाएगी।
विश्व हिंदू परिषद सभी राज्य सरकारों और केंद्र सरकार से अपील करती है कि वे इस प्रकार के नारे लगाने वालों तथा भाषण करने वालों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही कर इस मानसिकता को अबिलम्ब रोकें।
जारी कर्ता :
विनोद बंसल
राष्ट्रीय प्रवक्ता,
विश्व हिन्दू परिषद,