कतार

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vishwajit
एक दिन देखा लोगों की लंबी कतार,
कडी धूप में पसीने से लतपत खडी थी।
किसीके दर्शन के लिए वो बेताब, बेचैन नजरों से इंतज़ार कर रही थी।
हमने गौर से देखा पर कुछ न दिखा।
दिल में एक आस जगी और हो गए उसमें हम भी शामिल।

जब नंबर आया तो देखा के एक मूरत सोने से सजी थी।
अंदर के अंधेरे से जब बाहर निकला तो देखा,
उसी कडकती धूप में,
एक बच्चा नंगा शरीर लिए रो रहा था,
उसके नाक से पानी भी बह रहा था,
उसका देह उस गरम रेत में तप रहा था।

किसीने उसे नहीं देखा।
हमने उसे उठाया,
पेड की छांव में लेजाकर साफ किया।
अच्छे कपड़े पहनाये,
और फिरसे कतार के पास बिठाया।

अब भी उसे किसीने नहीं देखा।
हमने सोचा, “क्या कमी रह गयी है?”
याद आया, इसे भी सोने से मढदो।
अपनी जमां पूंजी बेचकर सोना खरीदा,
उसी प्रकार उसेभी सजाया,
फिरसे कतार के पास बिठाया।
लेकिन आश्चर्य!  अभीभी किसीने नहीं देखा।
फिर हमने हताश होकर तूलना की।
अब मेरे पास सिर्फ़ एक ही रास्ता था,

किसी तरह उस बच्चे को मैं पत्थर बना दूं।

नाम – विश्वजितसिंह दिलीपसिंह चंदेल 

साहित्यिक उपनाम -विदी 

वर्तमान पता – पुणे

राज्य – महाराष्ट्र 

शहर – पुणे 

शिक्षा – BE(Comp sci), MBA(Marketing), MA(English)

विधा – कविता 

लेखन का उद्देश – लेखन ही मेरा उद्देश है। 

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।