लुट गई है पूरी बस्ती,
बस मिट रही है हस्ती।
अब आया एक मसीहा,
आगम की उसमें मस्ती।।
बढ़ता ही जा रहा है,
सच को जिता रहा है।
जिनवर का है दीवाना,
राग-द्वेष नशा रहा है।।
अब है समझ में आया,
कुछ भी न मैंने पाया।
शिवमग मिला उसी को,
जिसने रत्नत्रय निभाया।।
रोतों को हँसा रहा है,
सोतों को जगा रहा है।
दस लक्षणों के बल से,
वो जीना सिखा रहा है।।
वैराग है जिसको भाया,
द्वादशांग उसने पढ़ाया।
उस मसीहा ने है सबको,
जीवन का अर्थ बताया।।
जबसे मैं जीने लगा हूँ,
दुखियों के सीने लगा हूँ।
प्रभु को निज में पाकर,
आनंद को पीने लगा हूँ।।
बरसों का ‘सोनू’ थका है,
देता आया खुद को दगा है।
आपको पाकर के ‘गुरुवर’,
लगता फिर सब नया है।।
#सोनू कुमार जैन
परिचय : सोनू कुमार जैन उत्तरप्रदेश के सहारनपुर जिले में सरकारी अध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। यह सहारनपुर जिले के रामपुर मनिहारान नामक स्थान के निवासी हैं। इन्होंने बीएससी के पश्चात बीएड,एमए (अंग्रेजी साहित्य)किया और अब हिन्दी साहित्य से एम.ए. कर रहे हैं। इन्हें मुक्तक,कविता एवं शायरी लिखने का शौक है।
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