हिन्दी दिवस

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vindhya prakash
हिंदी है मेरी मातृ सदृश हिंदी की गौरव गाथा है ।
हिंदी में लिखना भाव प्रकट
हिंदी ही हमारी भाषा है ।
हिंदी वैज्ञानिक लिपि वाली।
नहि मूक स्वरों का समावेश
निज भाषा उन्नति से ही
मिल एक  हुआ सम्पूर्ण देश ।
विस्तृत कलेवर हिंदी का
विश्व में  दूसरा  स्थान
कई बोलिया इसमें शामिल
देवनागरी लिपि निशान।
पांच उपभाषाए है इसमें
अट्ठारह  बोलियां वर्गीकृत
हिन्दवी देहलवी खडी बोली
कई नाम से है गर्वित।
भारोपीय परिवार की भाषा
हिंदी भाषा की बोली लिपि ।
343 से 351 तक वर्णित है भाषा विधि।
हिंदी श्रंगार भारत माँ की
मस्तक की बिन्दी बनी हुई
504 कुंजिया है संगणक मे लिखी हुई।
भाषा की फिल्मे विश्व जगत मे अपना स्थान बनाती है।
मारीशस नेपाल पाकिस्तान सहित
कई देशों में देखी जाती हैं ।
कवि रचनाओ फिल्मों  गीतो से
हिंदी हमारी समृद्ध रही
आदि जननि संस्कृत संग
तत्सम शब्दों से  बद्ध रही।
गौरव हमारी भाषा है,
समृद्ध हमारी भाषा है ।
दूसरी विश्व में स्थान लिए
पहली बनने की आशा है ।

  #विन्ध्यप्रकाश मिश्र विप्र

     प्रतापगढ उ प्र 

matruadmin

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।