राजस्थान के श्रीनाथ द्वारा में शशांक मिश्र भारती सम्मानित

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हिन्दी पुरोधा राष्ट्र भाषा सेनानी साहित्यवाचस्पति श्री भगवती प्रसाद जी देवपुपुरा स्मृति समारोह तीन दिवसीय के अवसर पर तीसरे दिन राष्ट्रीय बालसाहित्य समिरोह के अवसर साहित्यकार शिक्षक व संपादक शशांक मिश्र भारती को साहित्यमंडल परिवार श्री नाथद्वारा राजस्थान द्वारा श्री भगवती प्रसाद देवपुरा बालसाहित्य भूषण से सम्मानित किया गया ।इस सम्मान के अन्तर्गत शाल उत्तरीय मोतियों की माला श्री नाथ जी का प्रसाद उनकी लेखनी श्रीफल उन्हीं की बड़ा फ्रेम उपाधि पत्र व मेवाड़ी पकड़ी पहनायी गयी।उपाधि पत्र संस्थाध्यक्ष नरसिंह ठाकुर व प्रधानमंत्री श्याम प्रकाश देवपुरा के द्वारा मिला।इस सम्मान से देश भर के पांच दर्जन से अधिक बालसाहित्यकार बालसाहित्य लेखन संवर्धन के लिए अलंकृत किये गये । जिनमें सर्व श्री लक्ष्मीशंकर पाण्डेय डा. रामनिवास मानव हूंदराज बलवानी किशोर श्रीवास्तव महावीर रवाल्टा संजीव वर्मा सलिल नीरज शास्त्री डा. विमला भण्डारी डा. भैंरोलाल गर्ग डा. दिनेश पाठक शशि डा0 देशबन्धु शाहजहांपुरी डा. कीर्ति श्रीवास्तव अब्दंलसमद राह डा. आर.पी. शर्मा प्रमुख थे
आठ जनवरी को इस सम्मान से पहले शहीदों की नगरी शाहजहापुर के बड़ागांव निवासी श्री मिश्र को देश भर से एक सौ के लगभग सम्मान मिल चुके हैं ।अनेक राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों में कविता पाठ पत्र शोधपत्र वाचन किया है ।१९९७ में प्रतापशोभा त्रैमासिक के बालसाहित्यांक के अतिथि संपादन के अलावा बालसाहित्य पर हमबच्चे बिना विचारे का फल क्यों बोलते हैं बच्चे झूठ मुखिया का चुनाव स्कूल का दादा आओ मिलकर गाएं पुस्तकें छप चुकी हैं ।मुखिया का चुनाव उड़िया में भी आचुकी हैं ।कन्नड़ तेलुगु संथाली में भी कुछ रचनाओं का अनुवाद हुआ है । वर्तमान में यह उत्तराखण्ड के राजकीय इण्टर कालेज में प्रवक्ता संस्कृत के पद पर कार्यरत हैं और वहीं से अपनी साहित्य साधना में लगे हैं।देवपुत्र पत्रिका का विशेषांक रूप में संपादन करते हैं।
इनको इस सम्मान पर प्रेरणा परिवार के विजय तन्हा नवयुवक रामलीलीकमेटी की प्रतिभा अग्रवाल शबरी शिक्षा के श्रीधर डा.जुगुल किशोर सारंगी संजय भारद्वाज विजय सिंघल जयविजय राजेश पाण्डेय सुरजीत सिंह राना पान सिंह मेहता रवि बगोटी आदि अनेक साहित्यकारों शिक्षकों समाज सेवियों आदि ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए शुभकामनाएं दी है ।
प्रस्तुति कु0 एकांशी हिन्दी सदन बड़ागांव शाहजहांपुर उत्तर प्रदेश

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।