था अंधेरा घना भयंकर , मगर अब सूरज उगने लगा है,,
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मेरा अपना सा कश्मीर आज सचमुच अपना लगने लगा है
कश्मीर मेरे देश का मस्तक, तब मुझे एक आंख नहीं भाता था
जब लाल चौक पर मेरे देश का तिरंगा नहीं फहराया जाता था
एक देश है, एक तिरंगा, एक कानून, एक बना संविधान है
पथरबाजों के सपनों पर, मोदी का अंतिम ये प्रहार हैं
जो प्रण लिया मोदी ने, वह काम प्रचंड कर डाला है
कश्मीर से कन्याकुमारी मेरा भारत अखंड कर डाला है
आज खुशी के मौके पर राणा केवल इतना कह जाता है
हर कश्मीरी अपना है इन से अपना गहरा नाता है
इनकी बेटी इनकी पगड़ी हमारे भी सिर का मान है
हर धर्म, जाति से बढ़कर मेरा भारत देश महान है
सचिन राणा हीरो
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डॉ. नितिन उपाध्ये भाषा सारथी सम्मान से सम्मानित