सेवा में,
श्री नरेंद्र मोदी जी,
प्रधानमंत्री भारत सरकार,
नई दिल्ली।
दिनांक: 28 जनवरी 2020
विषय: नागरिकता संशोधन कानून सी.ए.ए. के पक्ष में राष्ट्र के प्रति अपना कर्तव्य निभाने के लिए मुझे पदयात्रा की शीघ्र अनुमति हेतु आवेदन-पत्र।सम्माननीयों जय हिंद
आदरणीय महोदय
माननीय सम्माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी आपके मन की बात से प्रेरित और अपनी इच्छाशक्ति के बल पर सी.ए.ए. के पक्ष में 3 जनवरी 2020 को राष्ट्रहित में दी गई पदयात्रा की अनुमति हेतु भेजे प्रार्थना-पत्र के पग-पग का उल्लेख आपके समक्ष रखने का अथक प्रयास कर रहा हूँ।उन्हीं प्रयासों के आधार पर हुए कड़वे-मीठे अनुभवों को साझा करते-करते यह मेरा 11वां प्रार्थना-पत्र है।जो अपनी पीढ़ा-प्रताड़ना एवं सम्पूर्ण न्याय हेतु मेरे प्रकाशित साहित्य: (1) वेयर इज कांस्टीचयूशन? ला एण्ड जस्टिस? (अंग्रेजी)
(2) कड़वे सच (हिंदी)
(3) मुझे न्याय दो (हिंदी)
(4) फिट्’टे मूंह तुंदा (डोगरी)
(5) मेरियां इक्की गज़लां (डोगरी)
(6) मैं अद्वितीय हूँ (हिंदी)
(7) व्यथा मेरी (हिंदी)
(8) राष्ट्र के नाम संदेश (हिन्दी) के बाद 9वीं पुस्तक ‘पदयात्रा राष्ट्रधर्म चूंकि राष्ट्र सर्वोपरि है’ का रूप धारण कर रही है।
आदरणीय प्रधानमंत्री जी जैसे-जैसे मेरी प्रार्थना रूपी समस्याएं भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ट सचिवों से होती हुईं कनिष्ट सचिवों सहित उनके निजी सहायकों के पास आ रही हैं।वैसे-वैसे मेरी समस्याएं कष्टदायक रूप धारण कर रही हैं।उदाहरणार्थ नारी मां का सुख भोगने हेतु शिशु को जन्म देने के लिए प्रसव पीड़ा को सहन करती है और स्वर्ग की इच्छा रखने वालों को पृथ्वी मोह त्याग कर मरना पड़ता है,उसी प्रकार मुझे अपने राष्ट्रीय कर्त्तव्यों को निभाने का दण्ड़ भोगना ही होगा।
माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी आपको बताना आवश्यक है कि 03 जनवरी से लेकर मैं हर क्षण पदयात्रा के लिए अपनी प्राथनाओं का पीछा करता आ रहा हूँ।जिसके प्रतिउत्तर में विभिन्न प्रकार के अपशब्द सुन रहा हूँ।जैसे उक्त समस्या हमारे पास गलती से भेज दी है।हम तो पोस्ट आफिस हैं।ऊपर से आई चिट्ठी नीचे भेजना मात्र ही हमारा काम है।याचियों की समस्याएं हल हों या ना हों हमारा कोई काम नहीं है।भाई जी देश के एक सौ तीस करोड़ नागरिक हैं।जिनमें तुम्हारी तरह देशभक्ति के नाम पर कईयों के दिमाग खराब हो चुके हैं।हम किस-किस का दिमाग ठीक करेंगे?
प्रधानमंत्री जी देश के नागरिकों के साथ आपके मन की बात के रास्ते में सरकार पुल के स्थान पर अत्यंत भ्रष्ट सरकारी व्यवस्था बाधा डाल रही है।जो नागरिकों को वह सब नहीं करने दे रही, जिसके लिए आप प्रेरित करते हो।
उल्लेखनीय है कि मेरी पदयात्रा को इस प्रकार देखा जा रहा है।जैसे आप भारत के प्रधानमंत्री ना होकर शत्रु देश पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हैं, और मैं आपकी प्रेरणा नहीं बल्कि आपके उकसावे में देशभक्ति के स्थान पर आगजनी, हिंसा और पुलिस प्रशासन पर हो रही पत्थरबाजी से हो रहे राष्ट्रीय नुकसान के विरोध में और सीएए के पक्ष में पदयात्रा कर देशभक्ति नहीं बल्कि देशद्रोह कर रहा हूँ।
सम्माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी एवं सशक्त गृहमंत्री अमित शाह जी मेरी 03 जनवरी 2020 वाली प्रार्थना-पत्र पीएमओपीजी/इ/ 2020/0003432 को माननीय कोआर्डिनेशन ग्रह सचिव के माध्यम से जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव से होती हुई अतिरिक्त सचिव के कार्यालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पत्रांक संख्या जेकेजीजीसी/डिव काम/88/017/ 1992 दिनांक 27 जनवरी 2020 को माननीय मंडलायुक्त जम्मू के कार्यालय में पहुंच चुकी है। अता तीव्र गति देते हुए सी.ए.ए. के पक्ष में राष्ट्र के प्रति मुझे अपना कर्तव्य निभाने हेतु पदयात्रा की शीघ्र अनुमति देकर कृतार्थ करें। सम्माननीयों जय हिंद
प्रतिलिपि सेवा में:- (1) माननीय सांसद डा.जितेंद्र सिंह जी, शमशेर सिंह मन्हास जी एवं जुगल शर्मा सहित
(2) माननीय,डिव काम जम्मू, डीसी जम्मू और एसडीएम अखनूर व एसडीएम खौड़ एवं कई अन्यों को सूचना एवं शीघ्र उचित कार्यवाही हेतु अणुडाक अर्थात इमेल द्वारा सादर भेज दी हैं।सम्माननीयों जय हिंद
प्रार्थी
इन्दु भूषण बाली
आरएसएस के स्वयंसेवक, पत्रकार, चिंतक, आलोचक, हिंदी+अंगरेज़ी+डोगरी लेखक, विचारक, शोधकर्ता एवं भारत के राष्ट्रपति पद का पूर्व प्रत्याशी समीप महावीर मंदिर खौड़ कैंप,
डाकघर व तहसील:- खौड़
जिला:- जम्मू
प्रदेश जम्मू व कश्मीर