नफरतों से कुछ भी
हासिल नही होगा।
प्यार से रहकर
एक बार तो देखो।
जहाँ पर भारत खड़ा है।
वहां से भारत सोने की,
चिड़िया बन नहीं सकता।।
जो न करे महिलाओं का सम्मान,
चाहे वो हो मुल्ला या हो महाराज।
इन्हें कभी मत दो तुम सम्मना।
करो इन सबका तुम बहिष्कार,
तभी बनेंगा सभ्य समाज।
तो लो शपथ तुम सब जन,
करेंगे ऐसे लोगों का विरोध हम।।
हो कितनी भी वो विद्वमान,
यदि नहीं है इंद्रियों पर नियंत्रण।
हो किसी भी जाति धर्म के संत
इन्हें कभी भी न पूजे सब जन।
हो किसी महजब के चाहे ये संत।
तभी बनेगा भारत देश महान।।
#संजय जैन
परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।