हम पंछी नील गगन के
डाल डाल पर चूने दाना
तिनका तिनका जोड़कर
बनाते अपना ठिकाना।
एक झोंका मस्त पवन का
उड़ा ले जाता उसे
फिर वारिश और सर्द रातों में
इधर उधर भटकाता मुझे।
चंचलता खो जाती
चिल्लाहट आ जाती
खीझकर अपनो को अपने ही
बार बार सताती और रूला जाती।
“आशुतोष”
नाम। – आशुतोष कुमार
साहित्यक उपनाम – आशुतोष
जन्मतिथि – 30/101973
वर्तमान पता – 113/77बी
शास्त्रीनगर
पटना 23 बिहार
कार्यक्षेत्र – जाॅब
शिक्षा – ऑनर्स अर्थशास्त्र
मोबाइलव्हाट्स एप – 9852842667
प्रकाशन – नगण्य
सम्मान। – नगण्य
अन्य उलब्धि – कभ्प्यूटर आपरेटर
टीवी टेक्नीशियन
लेखन का उद्द्श्य – सामाजिक जागृति