कविता का रूप सरल
मसले कुछ भी रहे मगर
भाव, भाषा और विचार
का सभी पर हो असर।
कुछ आक्रमकता और कर्मठता
पर्सनल हस्तक्षेप को न प्राथमिकता
अच्छे शब्द और मौलिकता
सही मायने में कविता की प्रमाणिकता ।
देश का सवाल हो या विदेश का
प्रधान का सवाल हो या प्रांत का
कविता दिलों की धार ही नही
तमाम मसलों का है निचोड
इसके रस में नहाकर होते भाव विभोर।
उपयोग में लाओ मौलिकता
अधिकार मिला है स्वतंत्रता
राष्ट्रभक्ति अध्याय प्रथम स्वतंत्रता
रम जाओ यही है महानता।
इसलिए पढ़ा करो कविता
वाणी में मधुर सगीत निखर आएगी
कटु-आलोचना विलुप्त हो जाएगी
चहुँ ओर फैलेगी बस सुन्दरता।
“आशुतोष”
नाम। – आशुतोष कुमार
साहित्यक उपनाम – आशुतोष
जन्मतिथि – 30/101973
वर्तमान पता – 113/77बी
शास्त्रीनगर
पटना 23 बिहार
कार्यक्षेत्र – जाॅब
शिक्षा – ऑनर्स अर्थशास्त्र
मोबाइलव्हाट्स एप – 9852842667
प्रकाशन – नगण्य
सम्मान। – नगण्य
अन्य उलब्धि – कभ्प्यूटर आपरेटर
टीवी टेक्नीशियन
लेखन का उद्द्श्य – सामाजिक जागृति