विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ के उपकुलसचिव बने श्रीगोपाल नारसन

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रुड़की |

विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ के वर्धा में हुए वार्षिक अधिवेशन में विद्यापीठ के उत्तराखंड प्रभारी श्रीगोपाल नारसन को विद्यापीठ के उपकुलसचिव की भी केंद्रीय स्तर पर अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है।विद्यापीठ के अधिष्ठाता डॉ योगेन्द्रनाथ शर्मा अरुण की अध्यक्षता में हुई पीठ की सीनेट बैठक में मुम्बई के डीके मुरारका को कुलानुशासक, विदर्भ के साम्भा जी राव को उपकुलपति व उत्तराखंड के श्रीगोपाल नारसन को उपकुलसचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई है।पीठ के कुलसचिव डॉ देवेंद्र नाथ शाह ने बताया कि इस अधिवेशन में देशभर से तीन सौ साहित्यकार प्रतिभागियों ने भाग लिया है।अधिवेशन में पीठ की महाराष्ट्र शाखा की ओर से अधिष्ठाता डॉ अरुण व डॉ नारसन का शाल ओढाकर व स्मृति चिन्ह देकर सारस्वत सम्मान से विभूषित किया गया।इस अवसर पर उत्तराखंड से साहित्यिक योगदान के लिए फ़िल्म निर्देशक डॉ सुभाष अग्रवाल को विद्या सागर,अशोक शर्मा आर्य,राजेश शर्मा,एसपी सिंह को विद्यावाचस्पति की मानद उपाधियों से सम्मानित किया गया।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।