इंसान का इंसान से है
क्या अब भाई चारा ।
बता दो लोगो यहां पर।
पूछ रहे है हर जन जन।।
इंसान का इंसान…….।
कितनी सादगी और स्नेह प्यार से,
हिल मिलकर रहते आये।
नही रखा कोई भी बैरभाव हमने अपने दिलों मे।
क्योकि खाया है अन्य
हम सब ने भारत मां का।
फिर क्यो लड़ेंगे अपास में….2।।
इंसान का इंसान…..।
कितनी सदियां बीती गई,
और कितनी अभी बिताना है।
धर्म संस्कृति को आज तक,
कोई हमारी छू न सका है।
इसलिए पूरे विश्व मे
भारत देश है न्यारा।
इसलिए हर कोई करता है जय जय कारा।।
इंसान का इंसान……।।
#संजय जैन
परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।