चलते है जो सत्य अहिंसा के मार्ग पर।
करते है जो जीवो की रक्षा हर कदम पर।
देते है उपदेश जियो और जीने दो का।
ऐसे परम तपस्वीय को विद्यासागर कहते है।।
कितनो का किया इन्होंने कल्याण लोगो।
लाखो को जैन धर्म क्या होता है बतला दिया।
और नई पीढ़ी को जैन धर्म से जोड़ दिया।
और जैनकुल में जन्म मिलने का मतलब समझा दिया।।
खुद आगम के अनुसार चलते है सदा।
आगम को सब कुछ मानते है।
तभी तो जैन धर्म की धुजा
फहराते है।
और जैन धर्म का डंका चारो तरफ बजाते है।।
ऐसे गुरुवर विद्यासागर जी
को हम शीश झुकाते है।।
#संजय जैन
परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।