गुमनाम सी खुशियाँ
दस्तक दे जाती है कभी कभी..
हौले हौले से
दरवाजे पे आकर ठिठक सी जाती है …
ना जाने क्या सोच कर
पल भर वही ठहर .वापिस लौट जाती है ….
शायद वक़्त नहीं है उसके पास
या
नहीं हूँ इस क़ाबिल कि
वो मेरे दामन में को छू सके
शायद जगह ही नहीं मुझमें
कि खुशी सिमट जाए
ग़मों के शामियाने जो लगे रहते है हर पल
मुझमें शायद ख़ुशी के लिए कोई जगह बची ही नहीं ..
उसकी हल्की सी आहट
दूर से ही पहचान लेती हूँ मैं ..
मुस्कुराकर मिलती हूँ ….
बेताब रहती हूँ की लगा लूँ गले ..
फ़िर जाने ना दूँ कहीं ….
बस वो एकटक निहार कर मुझे ..
मायूस सी ओझल हो जाती है फ़िर कहीं…
चुपचाप सी मेरी मासूम ख़ुशी
मुझसे मिलने चली आती हैँ …
हल्की सी आहट लिए…ख़ामोश सी
मुझसे मिल भी नहीं पाती …आकर वो
क्यूँ उलटे पाँव …लौट जाती हैँ यूँही ..
एक आस देकर चंद सांसे उधार दे जाती हैँ ..
मेरी गुमनाम सी खुशियाँ
दस्तक दे जाती हैँ कभी कभी …
#डेज़ी बेदी जुनेजापरिचय-
नाम………डेज़ी बेदी जूनेजा
जन्मतिथि……1मई
पता…….मोहाली (चंडीगढ़ )