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राखी का त्यौहार आया ,
संग में खुशियां हजार लाया ।
भाई-बहन का सच्चा प्यार ,
एक धागे में पूरा समाया ।।
बहन अपने पीहर आयी ,
घर में फिर से रौनक छायी ।
बाबुल के बगिया की चिड़िया ,
फिर से घर में बहार लायी ।।
सबके चेहरे खिले-खिले ,
हंस-हंस कर सब बात़े करते ।
सब बचपन को याद करके ,
साथ रहने की आस करते ।।
माथे पर तिलक लगा कर ,
कलाई पर राखी बांधती है ।
जीवन भर प्यार के संग ,
और रक्षा का वचन मांगती है ।।
बहन कहती है अपने भाई से ,
एक वचन मुझे तुम देना ।
कभी भी शराब मत पीना ,
और अपनो को दुख मत देना ।।
कहती है मेरे प्यारे भैया ,
तुम राखी की लाज रख देना ।
मां- बाप की सेवा करना ,
और उनको दुःख तुम मत देना ।।
गाड़ी तुम धीरे चलाना,
हेलमेट हमेशा पहन कर चलाना ।
घर पर राहें तकते नन्हें बच्चें ,
उन पर खूब प्यार लुटाना ।।
बहन तो इतना ही चाहती है ,
अपने घर का मान बढाती ।
बहन बड़े ही प्यार से ,
भाई की कलाई पे राखी सजाती ।।
बहन बेटी जिस घर में होती ,
उस घर में खुशियां आती ।
भ्रूण हत्या क्यों करतें हो ,
बेटी ही सब रिश्ते निभाती ।।
बेटियां नहीं होगी घर में तो ,
तुम्हें राखी बाँधेगी कौन ।
ये त्यौहार भी मिट जाएगा ,
सिर्फ यादें ही रहेगी मौन ।।
जिस बहन के भाई नहीं है ,
ये भाई “जसवंत” है तैयार ।
बांधकर रक्षा का बन्धन ,
मनाओ सब राखी का त्यौहार ।।
नाम – जसवंत लाल बोलीवाल ( खटीक )
पिताजी का नाम – श्री लालूराम जी खटीक ( व.अ.)
माता जी का नाम – श्रीमती मांगी देवी
धर्मपत्नी – पूजा कुमारी खटीक ( अध्यापिका )
शिक्षा – B.tech in Computer Science
व्यवसाय – मातेश्वरी किराणा स्टोर , रतना का गुड़ा
राजसमन्द ( राज .)
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