शब्द प्रवाह साहित्य सम्मान समारोह का भव्य आयोजन 30 सितम्बर को

0 0
Read Time5 Minute, 24 Second

september

नवम् वार्षिक आयोजन में साहित्यकारों के साथ पत्रकार भी होंगे सम्मानित

        उज्जैन ( म. प्र. )।

शब्द प्रवाह साहित्यिक सांस्कृतिक एवं सामाजिक मंच उज्जैन द्वारा 2018 के अखिल भारतीय पुरस्कार/सम्मान 30 सितम्बर को आयोजित भव्य समारोह में प्रदान किये जायेंगे। मध्यप्रदेश सामाजिक विज्ञान शोध संस्थान में आयोजित होने वाले इस समारोह में मुख्य अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय एवं रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर के पूर्व कुलपति डॉ. रामराजेश मिश्र, साहित्य मर्मज्ञ डॉ.मिथिलेश दीक्षित लखनऊ,सुप्रसिद्ध बाल साहित्यकार एवं समाज सेवी श्री राजकुमार जैन राजन रहेगें।

2018 में मंच की कार्यकारिणी समिति द्वारा “शब्द साधक” सम्मान कवि श्री अरविंद त्रिवेदी सनन को, “शब्द कला साधक” सम्मान रंगकर्मी श्री शरद शर्मा को,समाज सेवा सम्मान संस्था रुपांतरण के प्रमुख श्री राजीव पाहवा को,श्रीमती  सरस्वती सिंह स्मृति सम्मान देवपुत्र मासिक के प्रबंध संपादक डॉ. विकास दवे (इंदौर)को, श्रीमती माया मालवेन्द्र बदेका शब्द प्रवाह गौरव सम्मान श्री स्वप्निल शर्मा (मनावर) एवं दिदियाश्री लघुकथा सम्मान श्री कमल चोपड़ा (दिल्ली) को प्रदानकिया जाएगा ।

साथ ही मंच द्वारा साहित्य की विभिन्न विधाओं पर प्राप्त हुई पुस्तकों में से हिन्दी कविता विधा समग्र के क्षेत्र में श्री कारुलाल जमड़ा,( जावरा ) की कृति ” सफर संघर्षो का ” , लधुकथा के लिए श्री घनश्याम मैथिल, (भोपाल) की कृति ” एक लौहार की ” व्यंग्य के लिए डॉ. रवी शर्मा ,(दिल्ली) की कृति ” अंगुठाछाप हस्ताक्षर” को प्रथम पुरस्कार हेतु चयनित किया गया ।

साथ ही मंच द्वारा साहित्य की विभिन्न विधाओं पर प्राप्त हुई पुस्तकों में से हिन्दी कविता विधा समग्र के क्षेत्र में श्री कारुलाल जमड़ा,( जावरा ) की कृति ” सफर संघर्षो का ” , लधुकथा के लिए श्री घनश्याम मैथिल, (भोपाल) की कृति ” एक लौहार की ” व्यंग्य के लिए डॉ. रवि शर्मा ,(दिल्ली) की कृति ” अंगुठाछाप हस्ताक्षर” को प्रथम पुरस्कार हेतु चयनित किया गया । साथ ही डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडेय स्मृति खंडकाव्य सम्मान के लिए श्री सीताराम चौहान (दिल्ली) की कृति“स्वाभिमानी महाराणा प्रताप” स्व. श्रीमती सत्यभामा शुकदेव त्रिवेदी गीतकार सम्मान के लिए डॉ. रामसनेहीलाल यायावर, (फिरोजाबाद उ.प्र.)की कृति ” झील अनबुझी प्यास की ” ,स्व. बालशौरि रेड्डी बाल साहित्य सम्मान प्रथम के लिए डॉ. सुधा गुप्ता ,(कटनी) को समग्र लेखन के लिए तथा स्व. बालशौरि रेड्डी बाल साहित्य सम्मान द्वितीय के लिए श्रीमती इंदु पाराशर ,(इंदौर) को समग्र लेखन के लिए, इजी.प्रमोद शिरढोणकर बिरहमान स्मृति नई कविता सम्मान के लिए सुश्री सरिता गुप्ता, (दिल्ली)की कृति ” सिमटती सुबह “, तथा इजी. प्रमोद शिरढोणकर स्मृति कहानी सम्मान के लिए श्रीमती नीतू मुकुल,( जयपुर) की कृति ” ऐसा प्यार कहॉ” को एवं स्व. लक्ष्मीनारायण सोनी स्मृति ग़ज़ल सम्मान के लिए श्री हितेशकुमार शर्मा ( बिजनौर) की कृति “मैं ग़ज़ल हूँ ” को सम्मानित किया जाएगा ।

साथ ही साहित्यिक/सामाजिक पत्रकारिता के लिए संपादक रत्न सम्मान डॉ. देवेन्द्र जोशी (दैनिक उज्जैन सांदीपनि,उज्जैन), राधेश्याम चौरसिया(बेखबरों की खबर),महेश सोनी(स्वदेश भोपाल),प्रांजल शर्मा(मीठी सुबह,मंदसौर) एवं नयी क़लम सम्मान श्रीमती मनीषा प्रधान (रीवा),रोहिणी तिवारी(कल्याण,मुंबई),सौरभ जैन(तराना) को प्रदान किए जाएगें ।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

गुरव शिव पुजारी ! राजेश शर्मा की कलम से....

Mon Sep 24 , 2018
शिव की सेवा पूजा कर अपना जीवन यापन करने वाला गुरव पुजारी कहलाया है, शैवधर्म का पालन करने वाला गुरव कहलाया है । नित सर्व प्रथम शिव का स्मरण करना ओर शिव को ही भजना, जपना ओर शिव को ही अपना सर्व जीवन समर्पित करना यह गुरव कर्म है। यही […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।