
सावन मास पुनीत सुहावे।
मोर पपीहा दादुर गावे।।
श्याम घटा नभ में घिर आती।
रिमझिम रिमझिम वर्षा भाती।।१
आक विल्व जल कनक चढ़ाकर।
शिव अभिषेक करे जन आकर।।
झूले पींग चढ़े सुकुमारी।
याद रहे मन कृष्ण मुरारी।।२
हर्षित कृषक खेत लख फसले।
उपवन फूल पौध मय गमले।।
नाग पंचमी पर्व मनाते।
पौराणिक दृष्टांत बताते।।३
सर सरिता वन बाग तलाई।
नीर भार खुशहाली आई।।
प्रियतम से मिलने के अवसर।
जड़ चेतन सब होय अग्रसर।।४
कीट पतंग जीव खग नाना।
पावस ऋतु जन्मे जग जाना।
सावन पावन वर सुखदाई।
भक्ति शक्ति अरु प्रीत मिताई।।५
नाम–बाबू लाल शर्मा
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः