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ओ मेरे प्रियतम प्यारे,
समर्पण है तुझ पर
अब मैं अर्पण हूँ।
मैं चाहती हूँ कि तुम,
हर पल,पल-पल
तुम मेरे पास रहो..
इसलिए तुम फूल बन जाओ
मैं मालिन।
तुम फसल बन जाओ,
मैं किसान..
तुम मालिक बन जाओ,
मैं दासिन।
तुम घर बन जाओ,
मैं पहरेदारिन..
तुम भगवान बन जाओ,
मैं भक्तिन।
तुम शरीर बन जाओ,
मैं आत्मा।
#कुमारी अर्चना
परिचय: कुमारी अर्चना वर्तमान में राजनीतिक शास्त्र में शोधार्थी है। साथ ही लेखन जारी है यानि विभिन्न पत्र- पत्रिकाओं में निरंतर लिखती हैं। आप बिहार के जिला हरिश्चन्द्रपुर(पूर्णियाँ)
की निवासी हैं।
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Lajwab rachna Archna Ji.. ..khubsurat
वाह बहुत खूब । बहुत सुन्दर । बधाई व शुभकामनाएँ ।
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